छत्तरपुर , मध्य प्रदेश में एक निंदनीय घटना सामने आई है, जहाँ झाँसी से प्रयागराज जा रही महाकुंभ विशेष ट्रेन पर एक भीड़ ने पथराव करके उसे निशाना बनाया। यह ट्रेन सनातन धर्म के अनुयायियों को ले जा रही थी, जो महाकुंभ के पावन अवसर पर प्रयागराज पहुँचने वाले थे। हमलावरों ने न केवल ट्रेन की खिड़कियाँ तोड़ीं, बल्कि यात्रियों को डराने-धमकाने का भी प्रयास किया। इस घटना में कई लोगों के घायल होने की खबर है, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया है।

यह हमला केवल एक ट्रेन पर नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता और धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रहार है। सोशल मीडिया पर #शर्मनाक और #न्याय_चाहिए जैसे हैशटैग के साथ लोग इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने मामले की जाँच शुरू की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हालाँकि, सवाल यह उठता है कि क्या यह घटना साम्प्रदायिक सद्भाव को खतरे में डालने वालों की सुनियोजित साजिश का हिस्सा है?

सरकार और समाज का यह दायित्व है कि ऐसे अपराधियों को बख्शे बिना कानून का सख्ती से पालन कराएँ। धार्मिक यात्राएँ भारत की अध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं और इन्हें किसी भी हिंसा का निशाना नहीं बनने दिया जाना चाहिए। जनता की माँग है कि पीड़ितों को न्याय मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।

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