हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पुलिसकर्मी पुरुष यात्रियों को थप्पड़ मारते नजर आए, जो केवल महिलाओं के लिए आरक्षित कोच में यात्रा कर रहे थे। यह घटना बहस का विषय बन गई है—क्या यह सख्ती सही है, या कानून के दायरे से बाहर?

भारतीय रेलवे में महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला कोच आरक्षित किए गए हैं, ताकि वे बिना किसी असुविधा या डर के यात्रा कर सकें। कई बार, पुरुष जानबूझकर या गलती से इन कोचों में घुस जाते हैं, जिससे महिलाओं को असहजता होती है। ऐसे में, कानून के अनुसार जुर्माना या अन्य दंड दिए जा सकते हैं, लेकिन क्या थप्पड़ मारना सही तरीका है?

कानूनी रूप से देखें तो किसी भी व्यक्ति को मारना या शारीरिक दंड देना अधिकारी का अधिकार नहीं है। कानून के तहत उचित कार्रवाई की जानी चाहिए, न कि हिंसा का सहारा लिया जाना चाहिए। हालाँकि, महिलाओं की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है, और बार-बार चेतावनी के बावजूद नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

इसलिए, यह ज़रूरी है कि ऐसे मामलों को संवैधानिक तरीके से सुलझाया जाए, ताकि कानून का पालन भी हो और मानवाधिकार भी सुरक्षित रहें।

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